- बिड प्राप्त होने पर उड़ान योजना के तहत विकसित होगा यह एयरपोर्ट
इस पत्र में आगे पुनः इस बात को दुहराया गया है कि रक्सौल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का एक नॉन ऑपरेशनल हवाई अड्डा है। यह हवाईअड्डा 213 एकड़ भूमि में स्थित है तथा इसकी हवाई पट्टी का आयाम 1372 मीटर × 30.5 मीटर है। रक्सौल हवाईअड्डे के विकास के लिए पीएम पैकेज बिहार 2015 में 250 करोड़ रुपये आबंटित किये गए हैं।
एएआई द्वारा किये गए रक्सौल हवाईअड्डे की फिजिबिलिटी सर्वे के आधार पर यह हवाई अड्डा एटीआर- 72/ क्यू-400 प्रकार के एयरक्राफ्ट के आईएफआर (IFR) परिचालन के लिए विकसित किया जा सकता है यदि राज्य सरकार इसके लिए आवश्यक 121 एकड़ अतिरिक्त भूमि को अधिगृहित कर एएआई को निःशुल्क और सभी भारों से मुक्त सौंप दे। इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिख दिया गया है।
डॉ. शलभ ने अपनी अपील में इस बात पर विशेष जोर दिया कि बगैर इंफ्रास्ट्रक्चर के कोई भी कंपनी यहां से अपनी सेवा शुरू करने में दिलचस्पी नहीं लेती इसलिए बिड में शामिल किए जाने से पहले इस हवाईअड्डे के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाना आवश्यक है। बुनियादी ढांचा, प्रशस्त भूमि और हवाई पट्टी उपलब्ध होने के बावजूद यह एयरपोर्ट बेकार पड़ा है। यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों सेवा की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र के समुचित विकास के साथ भारत और नेपाल दोनों देश के लोगों के लिए देश विदेश की हवाई यात्रा सुगम हो सके।
विदित है कि डॉ. शलभ द्वारा पीएमओ को भेजी गई अपील के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने गत 23.9.2020 को इस एयरपोर्ट का पूरा विवरण जारी करते हुए बताया कि इसके विकास के लिए पीएम पैकेज बिहार 2015 में 250 करोड़ की राशि आबंटित की जा चुकी है।
आगे उक्त राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने और एएआई द्वारा जिस 121 एकड़ की अतिरिक्त भूमि के आबंटन की मांग बिहार सरकार से की गई उसे भी यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जाने की मांग डॉ. शलभ ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जिसे गत 1 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी एवं पार्लियामेंट अफेयर्स के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को एवं गत 17 फरवरी 2021 को चीफ सेक्रेटरी को विचारार्थ भेजा जा चुका है।
इस एयरपोर्ट के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताते हुए डॉ. शलभ ने कहा कि दिल्ली और काठमांडू को जोड़ने वाले लाइफलाइन पर स्थित इस एयरपोर्ट को विकसित करने से इस क्षेत्र के लोगों की एक चिर प्रतीक्षित आस पूरी होगी, देश दुनिया के साथ इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, यहां इंटरनेशनल टूरिज्म विकसित होगा और यह सीमावर्ती क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में जुड़ सकेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह एयरपोर्ट देश के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।