Best Baccho Ki Kahani in Hindi – Fun & Moral Stories

Baccho ki Kahani in Hindi

Baccho ki Kahani in Hindi

Here’s a short children's story in Hindi:

1. नन्हा चूहे का हौसला

नन्हा चूहे का हौसला


एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में नन्हा चूहा टिल्लू अपनी माँ के साथ रहता था। टिल्लू बहुत शरारती था लेकिन उसे डर भी बहुत लगता था। वह हमेशा अपनी माँ से कहता, "माँ, मुझे बिल से बाहर जाने में डर लगता है। वहाँ बिल्ली भी हो सकती है!"

एक दिन, उसकी माँ ने प्यार से कहा, "डर से भागने के बजाय उसका सामना करना सीखो। जब तुम हिम्मत जुटाओगे, तो डर भी भाग जाएगा!"

टिल्लू ने हिम्मत करने की ठानी। धीरे-धीरे वह बिल से बाहर जाने लगा, दौड़ने-कूदने लगा और अपने दोस्तों के साथ खेला। एक दिन, उसने देखा कि बिल्ली सच में वहाँ थी! लेकिन टिल्लू ने तुरंत एक छोटी सी दरार में छिपकर अपनी जान बचा ली।

जब वह वापस आया, तो उसकी माँ ने मुस्कुराकर कहा, "देखा! जब तुमने हिम्मत दिखाई, तो तुमने अपने डर को हरा दिया!"

उस दिन के बाद, टिल्लू और भी बहादुर बन गया। अब उसे दुनिया देखने में मज़ा आने लगा और वह बिना डरे इधर-उधर घूमने लगा।

शिक्षा:

  • हमें अपने डर का सामना करना चाहिए, क्योंकि हिम्मत से हर मुश्किल आसान हो जाती है।
  • अगर तुम्हें कोई खास तरह की कहानी चाहिए, तो बताओ! 😊

2. शेर और छोटा खरगोश

शेर और छोटा खरगोश


बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक क्रूर शेर रहता था। वह रोज़ जंगल के जानवरों को मारकर खा जाता था। सभी जानवर डरते थे। एक दिन, उन्होंने मिलकर एक योजना बनाई।

जानवरों ने शेर से कहा, "राजा, हर दिन हम खुद एक जानवर को आपके पास भेज देंगे, कृपया हमें यूँ ही मत मारिए।" शेर ने सोचा कि यह अच्छा रहेगा, इसलिए वह मान गया।

एक दिन एक छोटा खरगोश की बारी आई। वह बहुत चालाक था। उसने जानबूझकर देरी की और जब शेर के पास पहुँचा, तो शेर गुस्से से गरजा, "इतनी देर क्यों की?"

खरगोश बोला, "राजा, मैं जल्दी आ रहा था, लेकिन रास्ते में एक और शेर मिला। वह कह रहा था कि वह जंगल का असली राजा है!"

शेर बहुत गुस्सा हुआ और बोला, "कहाँ है वह? मुझे दिखाओ!"

खरगोश शेर को एक गहरे कुएँ के पास ले गया और बोला, "राजा, वह शेर इस कुएँ में है!"

शेर ने कुएँ में झाँका, तो उसे अपनी ही परछाई दिखी। उसने गुस्से में जोर से दहाड़ मारी और कुएँ में कूद पड़ा। शेर डूब गया, और जंगल के सभी जानवर खुशी से झूम उठे।

शिक्षा:

  • बुद्धिमानी ताकत से बड़ी होती है।


3. आलसी कछुआ और मेहनती चींटी

आलसी कछुआ और मेहनती चींटी


गोलू नाम का एक कछुआ बहुत आलसी था। वह हर काम को टाल देता था। दूसरी तरफ, छोटी चींटी मीना बहुत मेहनती थी। वह सुबह से शाम तक खाना इकट्ठा करती थी।

एक दिन, गोलू ने मीना से कहा, "तुम क्यों इतनी मेहनत करती हो? आराम करो!"

मीना ने मुस्कुराकर कहा, "मैं सर्दियों के लिए भोजन जमा कर रही हूँ। तुम भी कुछ काम कर लो।"

गोलू हँसते हुए बोला, "मुझे ठंड से कोई डर नहीं। जब ठंड आएगी, मैं देख लूँगा।"

कुछ महीनों बाद सर्दियाँ आ गईं। चारों तरफ बर्फ पड़ने लगी। मीना के पास खूब सारा खाना था, लेकिन गोलू के पास कुछ भी नहीं था। भूख से परेशान होकर, गोलू चींटी के पास गया और कहा, "मीना, कृपया मुझे खाना दो, मैं बहुत भूखा हूँ।"

मीना ने दयालुता से उसे खाना दिया और कहा, "अब तो समझ गए ना कि मेहनत कितनी ज़रूरी है?"

गोलू ने सिर हिलाया और वादा किया कि आगे से वह भी मेहनत करेगा।

शिक्षा:

  • हमें मेहनत और तैयारी हमेशा पहले से करनी चाहिए, ताकि मुश्किल समय में हमें परेशानी न हो।

4. चतुर कछुआ

बहुत समय पहले की बात है, एक तालाब में एक कछुआ रहता था। उसके दो खरगोश दोस्त थे जो बहुत तेज दौड़ सकते थे। वे अक्सर कछुए का मज़ाक उड़ाते और कहते, "तुम बहुत धीरे चलते हो, कभी भी जीत नहीं सकते!"

एक दिन, कछुए ने खरगोशों को चुनौती दी, "आओ, हम दौड़ लगाते हैं!"****"

खरगोश हँसने लगे और बोले, "तुम हमें हरा नहीं सकते, लेकिन ठीक है, हम यह दौड़ लगाएंगे!"

दौड़ शुरू हुई। खरगोश बहुत तेजी से दौड़े और कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा। रास्ते में, खरगोशों ने सोचा कि कछुआ बहुत पीछे है, इसलिए वे एक पेड़ के नीचे आराम करने लगे और सो गए।

इस बीच, कछुआ लगातार चलता रहा और धीरे-धीरे फिनिश लाइन तक पहुँच गया। जब खरगोश जागे, तो उन्होंने देखा कि कछुआ पहले ही जीत चुका था!

शिक्षा:

लगातार मेहनत करने से सफलता मिलती है, चाहे आप कितने भी धीमे हों।

5. दो दोस्त और भालू

राम और श्याम दो बहुत अच्छे दोस्त थे। एक दिन, वे जंगल से गुजर रहे थे। अचानक, एक बड़ा भालू उनकी ओर बढ़ने लगा।

राम डर गया और जल्दी से एक पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन श्याम को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। वह सोचने लगा कि क्या करे।

श्याम ने सुना था कि भालू मरे हुए लोगों को नहीं खाता। इसलिए, वह तुरंत ज़मीन पर लेट गया और अपनी साँस रोक ली।

भालू उसके पास आया, उसकी सूंघा और फिर चला गया, यह सोचकर कि वह मर चुका है।

राम नीचे आया और हँसते हुए बोला, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?"

श्याम मुस्कुराया और बोला, "भालू ने कहा कि जो दोस्त मुसीबत में साथ न दे, उसे कभी दोस्त नहीं समझना चाहिए!"

शिक्षा:

  • सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल समय में साथ दे।

6. लोमड़ी और अंगूर

एक दिन, एक भूखी लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। अचानक, उसने एक पेड़ पर रसीले अंगूरों का गुच्छा लटकते हुए देखा। उसके मुँह में पानी आ गया, और उसने उन अंगूरों को पाने की कोशिश की।

लोमड़ी ने उछल-उछलकर अंगूर तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अंगूर बहुत ऊँचाई पर थे। वह फिर से कूदी, और फिर से, लेकिन वह उन्हें नहीं छू सकी।

थोड़ी देर बाद, थककर उसने सोचा, "ये अंगूर खट्टे होंगे! मुझे इन्हें खाने की कोई जरूरत नहीं।" और वह वहाँ से चली गई।

शिक्षा:

जब हम किसी चीज़ को हासिल नहीं कर पाते, तो हमें बहाने नहीं बनाने चाहिए, बल्कि मेहनत करनी चाहिए।

7. लालची कुत्ता

एक बार की बात है, एक कुत्ते को कहीं से एक हड्डी मिली। वह बहुत खुश हुआ और हड्डी लेकर एक नदी के किनारे पहुँचा।

जब उसने नदी में झाँका, तो उसे पानी में अपनी परछाई दिखी। उसे लगा कि कोई दूसरा कुत्ता भी हड्डी लिए खड़ा है।

लालच में आकर, उसने उस दूसरी हड्डी को पाने के लिए भौंकना शुरू किया। जैसे ही उसने मुँह खोला, उसकी खुद की हड्डी पानी में गिर गई और बह गई।

अब कुत्ता दुखी होकर खाली हाथ रह गया।

शिक्षा:

लालच करने से हमें नुकसान होता है। हमें संतोषी बनना चाहिए।

8. समझदार गिलहरी

एक बार की बात है, एक जंगल में चीकू नाम की एक छोटी गिलहरी रहती थी। वह बहुत समझदार थी और हमेशा अपने खाने का भंडार पहले से तैयार रखती थी।

एक दिन, जंगल में भयंकर बारिश हुई। नदियाँ उफान पर आ गईं और बहुत सारे जानवरों के घर नष्ट हो गए। सभी जानवर भूखे थे क्योंकि बारिश के कारण वे खाना नहीं खोज पा रहे थे।

लेकिन चीकू के पास ढेर सारा खाना था, क्योंकि उसने पहले ही सूखे मौसम में बहुत सारी मेवे और फल इकट्ठे कर लिए थे। उसने अपने दोस्तों की मदद की और उन्हें भी खाना दिया।

सभी जानवर चीकू की समझदारी की तारीफ करने लगे। अब उन्होंने भी सीखा कि भविष्य के लिए पहले से तैयारी करना कितना ज़रूरी है।

शिक्षा:

हमें हमेशा आगे की सोचकर तैयारी करनी चाहिए, ताकि मुश्किल समय में परेशानी न हो।

9. जादुई मिट्टी का घड़ा

एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक गरीब किसान रहता था। वह दिन-रात कड़ी मेहनत करता था, लेकिन फिर भी उसकी फसल अच्छी नहीं होती थी।

एक दिन, उसे खेत में खुदाई करते समय एक पुराना मिट्टी का घड़ा मिला। जैसे ही उसने उसमें हाथ डाला, घड़ा चमक उठा और एक आवाज़ आई, "मैं एक जादुई घड़ा हूँ! तुम इसमें जो भी डालोगे, वह दोगुना हो जाएगा!"

मोहन ने खुशी से उसमें एक मुट्ठी चावल डाले, और तुरंत ही दो मुट्ठी चावल बाहर आ गए। फिर उसने कुछ पैसे डाले, और पैसे भी दोगुने हो गए।

धीरे-धीरे, मोहन अमीर हो गया। लेकिन उसने कभी लालच नहीं किया। वह दूसरों की भी मदद करने लगा।

गाँव के लोग उसकी ईमानदारी से बहुत खुश हुए और मोहन सबका प्रिय बन गया।

शिक्षा:

ईमानदारी और मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।




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